संरक्षक शुभ संदेश - श्री लवकुश आनंद जी
विद्या किसे कहते हैं ? इसको परिभाषित करते हुए भारतीय मनीषियों ने सूत्र रूप में कह दिया है 'सा विद्या या विमुक्तये'अर्थात विद्या वह है जो मुक्ति प्रदान करें। जिसके द्वारा हम रोग, शोक, द्वेष, पाप, दीनता, दासता, बेकारी, अज्ञान, आभाव, दुर्गुण और कुसंस्कार आदि से मुक्ति पाते हैं वही विद्या है। इसी भावना को ध्यान में रखकर माता तुल्य सास की शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय की नींव रखने की आसीम अभिलाषा को जानकार मुझे अत्यधिक हर्ष हुआ क्योंकि मैं अध्यापन जैसे महान कार्य से लम्बे समय से जुड़ा हुआ हूँ। इसीलिए मेरा फर्ज हुआ कि महाविद्यालय की आधारशिला रखने में अपना पूर्ण सहयोग देकर खुद को कृतज्ञ महसूस करूँ।