उपयुक्त बातों को ध्यान में रखकर हमारी संस्था (चानमती एजुकेशनल एण्ड टीचर्स ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट) कार्य कर रही है । मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि ऐसे संस्थान से मुझे जुड़ने का अवसर व संस्था प्राचार्य का दायित्व प्राप्त हुआ और मैं इस दायित्व का शत् प्रतिशत निर्वहन करने के लिए सदैव तत्पर रहता हूँ ।
शिक्षा का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है । यही मनुष्य को सुसंस्कारित करती है जो भी मनुष्य अपने हाथ में शिक्षा रूपी मशाल लेकर चलता है, वह अपने जीवन के लक्ष्य के मार्ग से कभी नहीं भटकता और हमेशा अपने जीवन की बुलन्दियों की पराकाष्ठा को प्राप्त करता है । हमारे देश के महान नेता संविधान निर्माता, न्यायविद्, शिक्षाविद्, समाज सुधारक एवं भविष्यद्रष्टा बाबा डॉ० भीम राव अम्बेडकार की यह एक पक्ति हमेशा स्मरण रखने योग्य है –
“शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो पिएगा वह गरजेगा । ”
यह बात अटल सत्य है । हमारे समाज में जो लोग शिक्षित नहीं हैं, उनके अधिकारों का सामर्थ्यवान लोग संदियों से हनन करते आ रहे है । इसी कारण शिक्षा सभी मनुष्यों के लिए परम अनिवार्य है ।
यही समाज व देश को उन्नत बनाना है तो हमें सर्वप्रथम चरित्रवान, सदाचारी, ईमानदार एवं कर्मनिष्ठ शिक्षकों की आवश्यकता होगी क्योकि इन्हीं गुणों से युक्त शिक्षक ही देश को अपने तरह के नागरिक दे सकते हैं जो आगे चल कर राष्ट्र के भविष्य के निर्माण में अपना पूर्ण सहयोग दे सकें । इसी कारण प्रशिक्षण संस्थान से जुडने वाले छात्र/ छात्राओं के लिए विषय विशेषज्ञ अध्यापक एवं अध्यापिकाओं की नियुक्ति की गयी है जो अपने अच्छे शिक्षण कौशल के द्वारा एक सुयोग्य प्रशिक्षिण अध्यापक तैयार कर सकें ।
प्रशिक्षण संस्थान के विकाश के लिए अनवरत प्रयासरत प्रबन्धक महोदय, प्रबंध समिति, संरक्षक, शिक्षकगण एवं सभी कर्मचारीयों एवं शुभेच्छुकों को मैं बधाई देता हूँ, जिनके अथक प्रयासों से प्रशिक्षण संस्थान आज इस स्तर पर है । मैं यह कामना करता हूँ की इस संस्थान से ज्ञान की अविरल गंगा इसी प्रकार बहती रहे और अनंत काल तक समाज को ज्ञान से अभिसिंचत करती रहे । साथ ही मैं वर्तमान सत्र में नवप्रवेशित सभी प्रशिक्षुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ एवं संस्थान के सभी छात्र / छात्राओं को अपने जीवन के निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शुभ आशीष देता हूँ ।
प्राचार्य
डॉ. वीरेन्द्र कुमार राजभर
M.A. M.ED. J.R.F., Ph.D.(हिन्दी)