1. ऐसे शिक्षक तैयार करना जो अध्यापन कार्य के क्षेत्र में हस्त निर्मित सहायक सामग्रिक के साथ - साथ आधुनिक तकनीकियों का प्रयोग करना जान सके ।
1. प्रशिक्षुओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों का विकास करना ।
2. लचीलापन और अनुकूलन क्षमता का समर्थन करने वाली संस्कृति का निर्माण व पोषण करना ।
3. शिक्षण और अनुसन्धान में नवीन संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना
4. प्रशिक्षुओं को भविष्य में जीवन की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए तैयार करना ।
5. परिसर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का निरन्तर प्रयास करना ।
6. प्रशिक्षुओं, अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों को स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना
7. प्रशिक्षुओं मे जीव – जन्तुओ के प्रति संवेदना का विभास करना ।
8. प्रशिक्षुओं में समाज, राष्ट्र एवं संविधान के प्रति समाज की भावना का विकास करना ।
10. प्रशिक्षुओं में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना ।
11. शैक्षणिक भ्रमण के द्वारा प्रशिक्षुओं का सर्वागीण विकास करना आदि ।