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Chanmati Educational and Teachers Traning Institute

गायत्री नगर कूड़ाघाट(निकट छवानी स्टेशन), गोरखपुर

(चानमती एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित) B. Ed & D. El. Ed(B.T.C.)

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स्वागत है चानमती एजुकेशनल एण्ड टीचर्स ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट


चानमती एजुकेशनल एण्ड टीचर्स ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट, गायत्रीनगर, कूड़ाघाट, गोरखपुर प्राकृतिक वातावरण से सुसज्जित संस्था है । यह प्रशिक्षण संस्थान गोरखपुर रेलवे स्टेशन से 5 किमी. बस स्टैण्ड से 5 किमी. बिछिया पी.एस.सी. कैम्प से 3 किमी., गोरखपुर छावनी स्टेशन से 1.5 किमी. की दूरी पर गायत्री नगर, लालगंज, कूड़ाघाट, गोरखपुर, उ. प्र. में स्थित है । इस संस्थान की स्थापना इस उद्देश्य के साथ की गई थी कि संस्थान के द्वारा उच्च स्तरीय शिक्षको का निर्माण किया जायेगा जो आगे चलकर देश के छात्र / छात्राओ का सर्वागिण विकास कर सकेंगे । साथ ही साथ आर्थिक रूप से पिछड़े मेधावी छात्रों को अपने लक्ष्य तक पहुँचने में सहयोग किया जा सके । इसी परिकल्पना के तहत प्रशिक्षण संस्थान में समुचित शिक्षण व्यवस्था के अतिरिक्त उत्कृष्ट भवन, पुस्तकालय एवं वाचनालय, खेलकूद के लिए खुला मैदान, छात्र / छात्राओं के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित भव्य हाल, कम्प्यूटर लैब, स्वच्छ शौचालय, छात्राओं के लिए अगल कॉमन रूम, CCTV कैमरा युक्त व्याख्यान कक्ष एवं परिसर, पीने के लिए RO वाटर, कैंटिन, बस की व्यवस्था, साइकिल एवं मोटरसाइकिल का स्टैण्ड इत्यादि परिसर में उपलब्ध है । प्रशिक्षण संस्थान में डी.एल.एड्. और बी.एड्. प्रशिक्षुओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाता है ।
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Latest News


1. चानमती एजुकेशनल एण्ड टीचर्स ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट में आप का स्वागत है ।


2. प्रवेश प्रारम्भ हो गया हैं । (2020-21)


प्रबन्धक संदेश

Principal

मैंने समाज को अच्छे प्रशिक्षित शिक्षक अर्पित करने की बात सोची जो देश की कक्षाओं में एक भावी विकसित राष्ट्र के सुशिक्षित एवं सभ्य नागरिक निर्मित कर सकें और एक अच्छे राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग देंगे। यह बात मैंने अपने पिता स्व. जवाहर प्रसाद माता स्व, चानमती देवी Read More

प्राचार्य संदेश

Principal

शिक्षण संस्थान विधा के मंदिर होते है । इन्ही संस्थानों में सम्पूर्ण विश्व के लिए अच्छे नागरिकों को तैयार किया जाता है और यही संस्थान राष्ट्र का भविष्य भी तय कराते हैं क्योंकि जिस राष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था जितनी ही सुदृढ़ रहती है, वह देश उतना ही विकास करता है ।     
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संरक्षक संदेश

Principal

विद्या किसे कहते हैं ? इसको परिभाषित करते हुए भारतीय मनीषियों ने सूत्र रूप में कह दिया है सा विद्या या विमुक्तये 'अर्थात विद्या वह हे जो मुक्ति प्रदान करें। जिसके द्वारा हम रोग, शोक, द्वेष, पाप, दीनता, दासता, बेकारी, अज्ञान, आभाव, दुर्गुण और कुसंस्कार आदि से मुक्ति पाते हैं वही Read More

संरक्षक संदेश

Principal

शिक्षा मनुष्य के लिए सर्वोपरि है। शिक्षा ही किसी मनुष्य को पशुओं की श्रेणी से निकालकर मानव की श्रेणी में खड़ा करती है। शिक्षा विहीन मनुष्य अन्य जैविक प्राणियों के समान है। यांत्रिकी से बी0टेक. की पढ़ाई पूर्ण करने के पश्चात्‌ मैं इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहता था ।     Read More